Shero shayari | Hindi shayari | shayari Sangrah
किस्मत बदलने का वक्त करीब आ गया है हर मंजर से आहट मिलने लगी है जो मुझे देखकर रुख मोड़ लिया करते थे आजकल उनकी भी नजर बदलने लगी है
नींद चैन करार सब चुरा ले गई हो मैं धीरे-धीरे दीवाना होता जा रहा हूं बड़ी आस है अब हर तमन्ना पूरी हो जाएगी मैं मोहब्बत की ख्वाहिशों में खोता जा रहा हूं
तेरी जुल्फों के जाल में फंसने लगा हूं ऐसा लगता है बहकने लगा हूं धीरे-धीरे मोहब्बत होने लगी है आजकल मैं हुस्न का नशेड़ी बनने लगा हूं
हम दोनों में खुलकर बातें होने लगी है एक दूजे से कुछ भी छुपाते नहीं है जिससे किसी का दिल टूट जाए ऐसे कार्य की जिद में आते नहीं है
मोहब्बत में खुद को रोक पाना संभव नहीं है इजहार की बेकरारी सताए जा रही है रूह बिना सोचे समझे आजकल दिल लगाए जा रही है