पहले मीठी मीठी बातों में मुझको फसाया गया मतलब निकालने के बाद ठुकराया गया तुम रंगे हाथ पकड़े गए हो सफाई देने से कोई नहीं फायदा ए मेरी जाने वफा तुम कमाल करती हो बिन बोले भी बहुत कुछ सवाल करती हो हर रोज मेरे जिंदगी में तूफान करने लगी हो क्या इसे प्यार समझें जो कमाल करने लगी हो ए प्यार जताने की अदा निराली है मेरे दिल ने मान लिया है कि तू मेरी घरवाली है प्यार बढ़ता है तो एक दूजे पर एतबार बढ़ता है जिस पर आशिकी का खुमार चढ़ चुका हो फिर पूछो उससे कि उसका हाल कैसा है
'बोरियत' पर कहे गए शेर...
इस तरह हक जताने लगी है उसकी बातों में बोरियत महसूस होता है फरमाइश से जेब कंगाल होता है यही कारण है कुछ ज्यादा कमाने का मुझमें जुनून होता है
तुम्हारे पास उपाय है बोरियत दूर करने का मगर कहां अपनी किस्मत तुम्हारे विचार बदलेंगे फिर भी इस उम्मीद में जिए जा रहा हूं बहके कदम जरूर संभालेंगे