पहले मीठी मीठी बातों में मुझको फसाया गया मतलब निकालने के बाद ठुकराया गया तुम रंगे हाथ पकड़े गए हो सफाई देने से कोई नहीं फायदा ए मेरी जाने वफा तुम कमाल करती हो बिन बोले भी बहुत कुछ सवाल करती हो हर रोज मेरे जिंदगी में तूफान करने लगी हो क्या इसे प्यार समझें जो कमाल करने लगी हो ए प्यार जताने की अदा निराली है मेरे दिल ने मान लिया है कि तू मेरी घरवाली है प्यार बढ़ता है तो एक दूजे पर एतबार बढ़ता है जिस पर आशिकी का खुमार चढ़ चुका हो फिर पूछो उससे कि उसका हाल कैसा है
बेबुनियाद सवालों का जवाब देना
बेबुनियाद सवालों का जवाब देना उचित नहीं होगा फालतू का तर्क वितर्क करने से लोग मूर्ख समझेंगे
आंखों से सवाल पूछने लगी
आंखों से सवाल पूछने लगी मैं आंखों से जवाब देने लगा जब पलके झुकाकर शर्माते हुए मुस्कुराई समझ गया मेरा उत्तर सही हो गया है
वादा किए वर्षों गुजर गया
वादा किए वर्षों गुजर गया मिलकर कुछ सवाल पूछना है आखिरकार इन दूरियों की मजबूरियां क्या है
खुद से ही सवाल करता हूं
खुद से ही सवाल करता हूं खुद से जवाब करता हूं हिम्मत नहीं होती कुछ पूछ पाने की जब मुलाकात करता हूं