चाहत की गलियों में अगर उन्होंने अपना इरादा बदल दिया फिर उनका इंतजार करना बेकार है जिसने आपके चाहतों का कदर ना किया हो ऐसी बेवफा से प्यार करना बेकार है
Hindi shayari | love shayari in Hindi मुझे कुछ इस तरह मोहब्बत होने लगी है तुम रूह में उतरने लगी हो खुद को खुशनसीब समझने लगा हूं जो हर कदम साथ चलने लगी हो मेरे मोहब्बत से बेखबर हो मुझमें दीवानगी हद पार कर चुकी है बिना दीदार के कहीं चैन रहता नहीं है जो अच्छे वादों से जन्नत का ख्वाब दिखने लगी हो उसे पर मेरी रूह एतबार कर चुकी है